आरा के पास सीमांचल एक्सप्रेस पर हमला, चेनपुलिंग के बाद पथराव और फायरिंग से दहशत, रेल सुरक्षा पर उठे सवाल

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
बिहार के भोजपुर जिले (Bhojpur District) में रेलवे सुरक्षा (Railway Security) को चुनौती देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। हावड़ा मेन रेल लाइन (Howrah Main Railway Line) पर आरा के नजदीक अपराधियों ने जिस तरह से दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया, उसने न सिर्फ रेल प्रशासन बल्कि कानून-व्यवस्था (Law and Order) की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीमांचल एक्सप्रेस (Seemanchal Express) को निशाना बनाकर बदमाशों ने पहले चेनपुलिंग (Chain Pulling) की और फिर पथराव (Stone Pelting) के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग (Firing) कर पूरे इलाके में दहशत फैला दी।
यह घटना आरा के चालीसवां पुल (Chaliswan Bridge) और जमीरा हॉल्ट (Jamira Halt) के बीच की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात करीब सवा एक से दो बजे के बीच यह वारदात हुई, जब सीमांचल एक्सप्रेस पहले से ही अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही थी। जैसे ही ट्रेन जमीरा हॉल्ट के पास पहुंची, घात लगाए बैठे अपराधियों ने अचानक चेन खींच दी, जिससे ट्रेन को बीच ट्रैक पर रोकना पड़ा।
ट्रेन रुकते ही हालात को भांपते हुए ट्रेन में तैनात एस्कॉर्ट पार्टी (Escort Party) के जवानों ने टॉर्च जलाकर आसपास का जायजा लेना शुरू किया। इसी दौरान ट्रैक के आसपास छिपे बदमाशों ने अचानक रोड़ेबाजी शुरू कर दी। पत्थरबाजी इतनी तेज थी कि ट्रेन की एक जनरल बोगी (General Coach) के शीशे टूट गए। इसी बीच अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी और कम से कम तीन से चार राउंड गोलियां (Rounds of Fire) चलने की बात सामने आई है। गोलियों की आवाज से पूरा इलाका थर्रा उठा और यात्रियों में अफरातफरी (Panic) मच गई।
करीब 25 मिनट तक सीमांचल एक्सप्रेस घटनास्थल पर खड़ी रही। इस दौरान ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों के बीच भय और दहशत का माहौल बना रहा। लोग अपनी-अपनी सीटों पर दुबकने को मजबूर हो गए। गनीमत यह रही कि इस पूरी घटना में किसी भी यात्री के घायल होने की सूचना नहीं है, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा (Passenger Safety) को लेकर गंभीर चिंता जरूर बढ़ा दी है।
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF), राजकीय रेल पुलिस (GRP) और स्थानीय मुफस्सिल थाना (Mufassil Police Station) की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से तीन खोखे (Empty Cartridges) बरामद किए हैं, जो फायरिंग की पुष्टि करते हैं। देर रात रेल लाइन के पास हुई इस गोलीबारी से आसपास के इलाकों में भी सनसनी फैल गई और ग्रामीणों में भय का माहौल देखा गया।
मौके पर आरा सदर एसडीपीओ वन राज कुमार साह (SDPO One Raj Kumar Sah), रेल डीएसपी कंचन राज (Rail DSP Kanchan Raj), मुफस्सिल थानाध्यक्ष दीपक कुमार सहित जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम पहुंची और मामले की गहन जांच शुरू की। अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि अपराधी किस उद्देश्य से ट्रेन को निशाना बना रहे थे और उनके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
इस मामले में ट्रेन में तैनात एस्कॉर्ट पार्टी के जवान संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) के बयान के आधार पर मुफस्सिल थाने में दस अज्ञात बदमाशों (Unknown Criminals) के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि यह पूरी घटना अवैध शराब (Illegal Liquor Trade) के धंधे से जुड़ी हो सकती है। आशंका जताई जा रही है कि चेनपुलिंग के दौरान अपराधी ट्रेन से पांच से छह बड़े झोले (Bags) उतारकर फरार हो गए, जिनमें संभवतः अवैध सामग्री भरी हुई थी।
पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं यह संगठित गिरोह (Organized Gang) का काम तो नहीं है, जो रेल मार्ग का इस्तेमाल अवैध धंधों के लिए करता है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों (CCTV Cameras) और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की भी जांच की जा रही है। रेलवे और पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस वारदात ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रमुख रेल मार्गों (Main Railway Routes) पर सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। हावड़ा मेन लाइन जैसे व्यस्त रेल सेक्शन पर इस तरह की घटना न केवल यात्रियों की जान जोखिम में डालती है, बल्कि रेलवे की सुरक्षा तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है। फिलहाल, पुलिस और रेल प्रशासन ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।





