Sanjay Sahu, Chitrakoot
चित्रकूट : मानिकपुर तहसील के एसडीम प्रमेश श्रीवास्तव और जिले की पुलिस ने 22 कामगारों को तेलंगाना से आजाद करा उनको नया जीवन दान दिया है। आठ दिसंबर को एसडीम और पुलिस को सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि मानिकपुर विकासखण्ड के मजरे विजयनगर काली घाटी सरैया के दो दर्जन से अधिक मजदूर दूसरे प्रदेश में फंसे हैं। इनको प्रदेशों में बंधक बनाया गया है।
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने मामले को संज्ञान में लेकर प्रभारी निरीक्षक थाना मानिकपुर वीर प्रताप सिंह और चौकी प्रभारी सरैया चंद्रमणि पांडेय को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोनों अधिकारियों ने मजदूरों के परिजनों से संपर्क किया।
पता चला कि काली घाटी सरैया से 25 मजदूर, नागर से 11, ग्राम बंधवा से एक मजदूर समेत 37 मजदूरों को बांदा जिले के कमासिन थाने के गांव जाकी निवासी अजय यादव महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद ले गया है और वहां इनसे जबरन काम कराया जा रहा था।
किसी तरह से 15 मजदूर घर वापस आ गए पर 22 मजदूरों को तेलंगाना निवासी एक अन्य ठेकेदार दत्तात्रेयी अपने साथ ग्राम लक्ष्मीसागर जिला संगारेड्डी (तेलंगाना) ले गया और वहां एक फर्म में बंधक बनाकर जबरन श्रम कराया जा रहा है। इस पर पुलिस ने ठेकेदार दत्तात्रेयी से बात की और सभी मजदूरों को मुक्त कराया।
इऩको बुधवार को रेलवे स्टेशन मानिकपुर में रिसीव कर सुरक्षित उनके परिजनों को सुपुर्द किया गया। एसपी ने प्रभारी एएचटीयू को ठेकेदार की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस पर परिजनों ने पुलिस को थैंक्स यू बोला है।
श्रमिकों में काली घाटी निवासी अमृतलाल पुत्र धर्मपाल, वेदराज पुत्र पुरुषोत्तम, वीरभान पुत्र कृष्णा, दद्दू पुत्र नत्थू, रवि पुत्र रमेश लवलेश पुत्र हौसिला, शनि पुत्र मुकुंदी विकास पुत्र लवलेश, गुड़िया पत्नी लवलेश, आरती पुत्र लवलेश, तिजिया पत्नी पुरुषोत्तम, तिरसिया पुत्री गोरेलाल, केत्ता पत्नी वेदराज मीनू पुत्री गोरेलाल, पार्वती पुत्री मुकुंदी और बती पत्नी गोरेलाल शामिल हैं। इनके अलावा पंजाबी पुत्र रफड्डी, चांद पुत्र छोटकू, भानुप्रताप पुत्र बुद्धसेन, अर्जुन पुत्र बच्छराज सेमिया पत्नी मुन्ना नागर निवासी हैं। इनके अलावा बंधवा सुग्रीव पुत्र परदेशी को भी अवमुक्त कराया गया है।