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गाजीपुर : सपा सांसद अफजाल अंसारी पर गांजा को वैध करने के बयान से मचा हंगामा, FIR दर्ज


गाजीपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी के विवादित बयान को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। अफजाल अंसारी ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने गांजा को वैध करने की मांग उठाई थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि धार्मिक आयोजनों में गांजा भगवान का प्रसाद और बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है, इसलिए इसे अवैध घोषित करना अनुचित है। उनके इस बयान के बाद साधु-संतों के बीच तीखी नाराजगी देखी गई और अब उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।

अफजाल अंसारी ने अपने बयान में कहा था, “गांजे को वैधता मिलनी चाहिए क्योंकि यह धार्मिक आयोजनों का हिस्सा है और इसे भगवान का प्रसाद माना जाता है। लाखों लोग इसे खुलेआम पीते हैं, लेकिन इसे अवैध बताया जाता है। जब भांग, जो भगवान शंकर का प्रसाद है, पर लाइसेंस मिलता है, तो गांजा पर क्यों नहीं?”

सांसद ने आगे कहा, “अगर कुंभ के मेले में मालागाड़ी भरकर गांजा भेजा जाए, तो वह खप जाएगा। लोग कहते हैं कि गांजे को पीने से भूख लगती है और सेहत अच्छी रहती है, इसलिए इसे वैध करने की मांग की जा रही है।”

अफजाल अंसारी के इस बयान पर धार्मिक समुदाय के साधु-संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अंसारी के बयान को “अमर्यादित” बताते हुए कहा, “सांसद को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। महाकुंभ सनातन धर्म का पर्व है और इसके बारे में इस तरह की अमर्यादित टिप्पणियां सहन नहीं की जा सकतीं।”

इसी प्रकार, उज्जैन के महामंडलेश्वर अतुलेशानन्द महाराज ने भी अफजाल अंसारी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “अफजाल अंसारी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। भगवान शंकर और सनातन धर्म से जुड़े आयोजनों के प्रति इस प्रकार का अपमानजनक बयान बिल्कुल अस्वीकार्य है।” साधु-संतों की ओर से यह भी मांग की गई है कि अंसारी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

अफजाल अंसारी के बयान पर साधु-संतों की नाराजगी और धार्मिक समुदाय में उठी तीखी प्रतिक्रिया के बाद, गाजीपुर की गोरा बाजार पुलिस चौकी के इंचार्ज राजकुमार शुक्ला ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। यह मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (3) बीएनएस 2023 के तहत दर्ज किया गया है। FIR में आरोप लगाया गया है कि अंसारी के बयान से समाज में धार्मिक तनाव उत्पन्न हो सकता है और उनकी टिप्पणियों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।

अफजाल अंसारी के बयान और उनके खिलाफ दर्ज FIR के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे एक बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। इस मामले ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, क्योंकि एक तरफ सांसद ने अपने बयान के जरिए गांजा को वैध करने की मांग उठाई है, तो दूसरी ओर धार्मिक समुदाय ने इसे सनातन धर्म पर सीधा हमला बताया है।

इस बीच, अफजाल अंसारी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल एक वैध चर्चा शुरू करना था, जो समाज के व्यापक हिस्से से जुड़ी है। हालांकि, साधु-संतों ने उनकी सफाई को अस्वीकार कर दिया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।

भारत में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज एक्ट (NDPS Act) के तहत गांजे का उपयोग, उत्पादन और व्यापार अवैध है। हालांकि, कुछ राज्यों में मेडिकल उपयोग के लिए इसके नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई है। अफजाल अंसारी के इस बयान के बाद गांजा वैधता पर एक नई बहस शुरू हो गई है, जहां एक ओर कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धार्मिक और सामाजिक संगठन इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।

गांजा वैधता पर अफजाल अंसारी के बयान ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है और साधु-संतों की तीखी प्रतिक्रियाएं इस मामले को और गंभीर बना रही हैं। अब देखना होगा कि इस विवाद का राजनीतिक और कानूनी नतीजा क्या होता है और क्या अफजाल अंसारी अपने बयान के लिए कोई माफी मांगते हैं या इस पर टिके रहते हैं।

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