यूपी: प्राइमरी के बाद अब माध्यमिक स्कूलों में गर्मी की छुट्टी, समर कैंप कल से शुरू

Report By: स्पेशल डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तेज गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। प्राथमिक विद्यालयों के बाद अब प्रदेश के सभी माध्यमिक स्कूलों में भी ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। इस फैसले का लाभ राज्य के लाखों छात्र-छात्राओं को मिलेगा जो भीषण गर्मी में स्कूल आने को मजबूर थे।
हालांकि, इस निर्णय के बीच शिक्षामित्रों और शिक्षकों में असंतोष बना हुआ है। शिक्षामित्रों द्वारा चलाए जा रहे बहिष्कार आंदोलन के बीच राज्य सरकार ने 21 मई से समर कैंप शुरू करने की घोषणा की है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
सरकार का आदेश और गर्मी का कहर
राज्य शिक्षा विभाग ने सोमवार को एक आधिकारिक आदेश जारी कर कहा कि “प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 21 मई से प्रभावी रहेगा।” इससे पहले प्राथमिक विद्यालयों में 18 मई से ही छुट्टियों की घोषणा कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी तीव्र लू चलने की चेतावनी दी है। ऐसे में छात्र-छात्राओं की सेहत को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
शिक्षामित्रों का विरोध और समर कैंप की घोषणा
एक तरफ राज्य सरकार समर कैंप जैसे नवाचारी कार्यक्रमों के जरिए बच्चों की प्रतिभा को निखारने की बात कर रही है, वहीं शिक्षामित्र और शिक्षक संगठन इसे “अनावश्यक दबाव” बता रहे हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है, “गर्मी की इस भयंकर स्थिति में समर कैंप चलाने का निर्णय शिक्षकों और शिक्षामित्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। सरकार केवल दिखावा कर रही है जबकि ज़मीनी हालात बेहद खराब हैं।”
शिक्षामित्रों ने समर कैंप में भाग न लेने का ऐलान करते हुए बहिष्कार आंदोलन शुरू कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि या तो समर कैंप को रद्द किया जाए या उसमें शिक्षकों की ड्यूटी न लगाई जाए।
समर कैंप में क्या होगा खास
राज्य सरकार की योजना के अनुसार समर कैंप के दौरान छात्रों के लिए संगीत, कला, नृत्य, खेलकूद, व्यक्तित्व विकास, जीवन कौशल, और कम्प्यूटर साक्षरता जैसे विभिन्न गतिविधियाँ करवाई जाएंगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे समर कैंप की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
माता-पिता और छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
समर कैंप को लेकर अभिभावकों और छात्रों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कई अभिभावकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान बच्चों को कुछ रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करना एक अच्छा प्रयास है, लेकिन इस भीषण गर्मी में स्कूल बुलाना जोखिम भरा हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में गर्मी की तीव्रता को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों में छुट्टी का फैसला निश्चित रूप से राहत भरा है, लेकिन समर कैंप को लेकर सरकार और शिक्षकों के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विरोध का समाधान कैसे करती है और क्या समर कैंप वास्तव में सफल हो पाएंगे या नहीं।