Saturday , November 23 2024
Breaking News

औरैया,कालेश्वर धाम में जुटेगा श्रद्धालुओं का सैलाब

*औरैया,कालेश्वर धाम में जुटेगा श्रद्धालुओं का सैलाब*

*पुलिस व प्रशासन सुरक्षा के लिए किस कमर, सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी निगरानी*

 

*औरैया।* बीहडांचल में स्थित देवकली मंदिर औरैया शहर से 5 किलोमीटर दूर है। महाशिवरात्रि के पर्व पर हजारों श्रद्धालु भगवान कालेश्वर का जलाभिषेक करने पहुंचेंगे। मंदिर में स्थापित शिवलिंग को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं भी हैं। जनसैलाब को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन एवं पुलिस महकमे ने व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अंतिम रूप देना शुरू कर दिया।
सैकड़ों साल पुराने देवकली मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि राजा कृष्णदेव ने यमुना किनारे किले का निर्माण कराया था। राजा कृष्णदेव ने यहां मंदिर भी बनवाया था। जिसमें महाकालेश्वर की मूर्ति स्थापित कराई थी। जिसका नाम उन्होंने देवगढ़ रखा था। यह स्थान वर्तमान में देवकली मंदिर के नाम से सुप्रसिद्ध है। बताते हैं कि उनके बाद उनके पुत्र कुंवर देव भी यहां नियमित पूजा पाठ करते रहे। लेकिन , कुंवर देव के बाद की पीढ़ी नास्तिक निकली।
धीरे-धीरे महल और मंदिर दोनों खंडहर में तब्दील हो गए , और देवगढ़ किला भी यमुना नदी में समा गया। इसके बाद राजवंश की नवमी पीढ़ी में राजा विशोक देव का जन्म 1182 ईसवी में हुआ। इनका विवाह कन्नौज के राजा जयचंद की बहन देवकला के साथ हुआ था। देवकला के कोई संतान न होने से राजा बहुत दुखी थे। देवकला व राजा विशोक देव ने पुत्र प्राप्ति के लिए बिठूर में गंगा स्नान कर मनौती मानी।
राजा विशोक देव ने रानी के कहने पर यहां महल का निर्माण शुरू कराया। खुदाई के दौरान एक स्थान पर शिवलिंग आकार का पत्थर निकला। यह देख राजा व रानी दोनों आश्चर्यचकित हो गए। शिवलिंग रूपी पत्थर को उखाड़ने का बहुत प्रयास किया गया। लेकिन , उसका कोई अंत नहीं मिलता देख सभी लोग सोच में पड़ गये।
उधर सुबह जब रानी मां पूजा का थाल लेकर बीहड़ में स्थित मां मंगला काली के दर्शन के लिए चली , तभी रास्ते में उन्हें कन्या रूप में मां मंगला काली के दर्शन हुए। कन्या रूपी देवी ने महल के आंगन में मिले पत्थर की हकीकत बताते हुए उन्हें देवगढ़ के राजा की ओर से स्थापित कराए गए शिवलिंग की जानकारी दी। रानी देव कला ने राजा विशोक देव को लौटकर पूरी जानकारी दी। तब से इस स्थान की धार्मिक मान्यता को लेकर यहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी जनसैलाब उमड़ता है। वही जनपद के लोगों के अलावा पड़ोसी जनपद जालौन , इटावा , कानपुर देहात एवं कन्नौज के लोग मां यमुना में स्नान करने के बाद देवकली मंदिर पर महाकालेश्वर को जलाभिषेक कर मिन्नतें मांगते हैं। ऐसी मान्यता है कि महाकालेश्वर के दरबार में मिन्नतें मांगने पर श्रद्धालु भक्त जनों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
*इंसैट 1*
*हर साल दूरदराज से आते हैं श्रद्धालु भक्तगण*
ऐतिहासिक देवकली मंदिर पर महाशिवरात्रि पर्व पर जिले के अलावा आसपास कानपुर देहात , कानपुर नगर , लखनऊ , आगरा , इटावा , जालौन व कन्नौज के अलावा अन्य जनपदों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। इस दौरान यहां मेले में आने वाले लोग अपनी जरूरत के सामान भी खरीदते हैं। इसके साथ ही झूले आदि खेल तमाशे भी होते हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस व प्रशासन भी पूरी सक्रियता बनाए रखता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर परिसर व बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ पीएसी , दमकल , महिला थाना पुलिस की भी तैनाती रहती है।

*महाकालेश्वर के दर्शन से ही शांत होता है कालसर्प का दोष*
आचार्य गिरीश तिवारी बताते हैं कि सैकड़ों वर्ष पुराने शिवलिंग की अलग ही महत्ता है। यहां दर्शन मात्र से ही काल सर्प दोष शांत हो जाता है। बताते हैं शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से लक्ष्मी बढ़ती है। दूध का अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। सरसों के तेल से शिवजी का अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है। गन्ने के रस से अभिषेक करने से धन धान्य और यश की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा से बड़ी अनहोनी भी टल जाती है। असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिलता है। मंदिर पर सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। यमुना नदी तट पर गोताखोरों को भी तैनात किया गया है। यातायात व्यवस्थित रखने के लिए भी पूरी सतर्कता बरती जाएगी। अराजक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जाएगी। सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ यादव द्वारा की जाएगी।

रिपोर्टर :-: आकाश उर्फ अक्की भईया फफूंद

Karmakshetra TV अब Google News पर भी !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *