Sanjay Sahu Chitrakoot
चित्रकूट के जिला अस्पताल में चिकित्सकों की मनमानी के चलते एक प्रसूता ने कल रात को दम तोड़ दिया बताया जा रहा है कि अस्पताल में नर्सों ने ओवरडोज पेन के चार इंजेक्शन जबरन दे दिए जिस पर उसकी हालत नाजुक हो गयी जिस पर डॉक्टर को रात को परिजन घर तक लेने भी गए लेकिन उसके बाद भी डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला और प्रसूता की सुबह चार बजे जिला असप्ताल के लेवर रूम में दर्दनाक मौत हो गयी जिससे गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया साथ ही जिला अस्पताल के स्टॉप और आला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
पूरा मामला चित्रकूट जनपद के सदर विधानसभा कर्वी का है जहां पर कल दोपहर को रोशनी मिश्रा पत्नी सुधांशु मिश्रा बलदाऊ गंज कसहाई रोड कर्वी चित्रकूट के रहने वाले हैं जिसकी उम्र लगभग 26 वर्ष है रोशनी के पिता राम प्रकाश तिवारी जो कि मध्य प्रदेश छतरपुर जिले के लौड़ी के रहने वाले हैं उनका कहना है कि हमने अपनी बेटी की शादी 10 दिसंबर 2020 को चित्रकूट के बलदाऊ गंज निवासी रामनरेश मिश्रा के बेटे सुधांशु मिश्रा के साथ की थी आज 16 माह होने के बाद हमारी बेटी का यह पहला प्रसव था हम सब खुश थे की बेटी माँ बनने वाली है। लेकिन सुबह पता चला कि जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी लेबर पेन और ओवरडोज इंजेक्शन देने के कारण दर्दनाक मौत हो गई और सारी खुशियां मातम में बदल गयी फिलहाल रोशनी ने बच्ची को जन्म दिया है जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और बच्ची स्वस्थ है।
बताते चलें कि इन दिनों चित्रकूट के जिला अस्पताल में एक ही गायकनोलॉजिस्ट रफीक अंसारी डॉक्टर हैं और खुद डिलेवरी करवाते हैं इन्ही की देख रेख और जांच रिपोर्ट दवा सब चल रही थी पीड़िता के ससुर रामनरेश मिश्रा का आरोप हैं कि जब कल रोशनी को जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया था उस समय कोई डाक्टर जिला असप्ताल में मौजूद नहीं था और पूरा कार्यभार लेबर रूम का नर्सें सम्भाल रही थी उनको जानकारी न होने के बाद भी रात्रि में तीन बजे नर्सो ने ओवरडोज इंजेक्शन दे दिए जिस पर प्रसव के समय उसकी बच्चेदानी बाहर निकल आयी साथ ही उसकी ब्लीडिंग भी तेज हो गयी पहले तो हमने डाक्टर रफीक अंसारी को फोन लगाया लेकिन नही उठा तो हम गाड़ी लेकर सीएमएस राजेश खरे के साथ उसके घर गए काफी देर तक आवाज मारी उनको बताया गया कि मामला सीरियस है लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी और सुबह चार बजे बहु की मौत हो गई ।
इतना ही नहीं सीएमएस डॉ राजेश खरे खुद सर्जन है और इनकी पत्नी डॉ संध्या खरे खुद स्त्री रोग विशेषज्ञ है सवाल सबसे बड़ा यह है की डॉ खरे रात्रि में प्रसूता को मरने के लिए छोड़ दिया और अपनी पत्नी को न ले जाकर मरीज के तीमारदारो के साथ मेरे कमरे के चक्कर काटने लगें जबकि रफीक अंसारी की ड्यूटी दिन की थी रात को वह आराम कर रहे थे लेकिन खुद सीएमएस जिम्मेदारी निभाने की जगह डाक्टर राजेश खरे ड्रामा रचते दिखे।
मृतका के ससुरालीजन एडीएम और बड़के पुलिस अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा कर और एडीएम कुंवर बहादुर के पैरों में गिर कर न्याय की आस की मांग भी की है।
इतना ही नहीं उनकी कार्यशैली से पूरा जनपद शर्मसार हो रहा है एक साल पहले भी कर्वी के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर रफीक अंसारी और डॉक्टर पीड़ी चौधरी ने ऐसा ही ऑपरेशन किया था जिस पर एक सरकारी टीचर दीपका कुशवाहा की दर्दनाक मौत हो गई थी लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने इन पर कोई कार्यवाही नहीं की महज खानापूर्ति करके मामले को शांत कर दिया गया जिससे इनके हौसले और बुलंद होते चले गए और इसी का नतीजा है कि आज फिर से एक 25 वर्षीय रोशनी अंधेरे के काल के गाल में हमेशा हमेंशा के लिए समा गई।
सुबह 9 बजते ही जब डॉक्टर रफीक अंसारी ड्यूटी पर जिला अस्पताल गेट पहुंचे तो परिजनों ने उनकी गाड़ी रोक ली और उनकी गाड़ी का पिछला शीशा भी तोड़ दिया लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते डॉक्टर रफीक अंसारी के साथ किसी ने भी हाथापाई नहीं की और उनको उनके लेबर रूम से पुलिस हिरासत में ले लिया गया है।
मामला बढ़ता देख मौके पर पहुंचे सपा के सदर विधायक अनिल प्रधान ने कहा कि बलदाऊगंज कर्वी रोशनी मिश्रा जिसकी उम्र 25 साल है जिनको कल रात 9 बजे जिला अस्पताल में प्रसव के लिये भर्ती किया गया था, रात में डिलेवरी के दौरान सही उपचार न होने से प्रसूता की मौत हो गई, परिजन रातभर डॉक्टरों से मदद की भीख मांगते रहे, जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी से इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच करवाने को कहा गया । आज जिले की एक बेटी की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जान चली गई यह पहला मामला नही है इस डाक्टर का जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से धड़ाम है, स्वास्थ विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे है ये किसी भी हाल में बरदास्त नही किया जाएगा चित्रकूट जिले में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था एव जिला अस्पताल रिफर सेन्टर बनकर रह गया हैं , 95 प्रतिशत मरीजो को हर दिन रिफर किया जा रहा है , अगर सुधार नही हुआ तो इस मुद्दे को विधानसभा में इस बीमार व्यवस्था के साथ सदन में उठाऊँगा।
मौके पर खड़े मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेश द्विवेदी ने कहा कि एक प्रसव का मामला सामने आया है जिसमे रोशनी जिसकी उम्र 25 साल है उसकी डाक्टरों की लापरवाही से मौत हो गयी जिसकी जांच करवाई जा रही जो भी तथ्य सामने निकलकर आएंगे उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी जब उनसे पूंछा गया कि एक साल पहले भी इनके और जिला असप्ताल में तैनात पीड़ी चौधरी ने एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव करवाया था और उस प्रसूता की मौत हो गयी थी तो इस पर साफ साहब का जवाब था कि मैं उस समय यहां नही था फिर भी अगर ऐसा हुवा है तो दिखवा लेता हूँ एक साल बीतने को हैं साहब ने अभी तक नही देखा लेकिन जब आज नया मामला सामने नज़र आने लगा तो देख लेंगे गजब है उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य ब्यवस्था।