जनपद मऊ ने सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में हासिल किया प्रदेश में पांचवां स्थान, विकास कार्यों में तीसरा स्थान

Report By : आसिफ अंसारी
जनपद मऊ : ने अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड आधारित प्रदेश स्तरीय ओवरऑल रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाते हुए पांचवां स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि विकास कार्यों की श्रेणी में जिले को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि जिले के लिए गर्व का विषय है क्योंकि मार्च महीने की रैंकिंग में मऊ को ओवरऑल 23वां तथा विकास कार्यों में 11वां स्थान मिला था।
इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के नेतृत्व को दिया जा रहा है। उनके कुशल प्रबंधन और नियमित समीक्षा की नीति के कारण जिले में राजस्व एवं विकास कार्यों में गुणात्मक सुधार देखने को मिला है।
सीएम डैशबोर्ड पर आधारित ओवरऑल रैंकिंग में अप्रैल महीने में जनपद मऊ ने 10 में से 8.87 अंक प्राप्त किए, जो कि कुल 88.70 प्रतिशत है। वहीं विकास कार्यों की रैंकिंग में मऊ को 9.31 अंक प्राप्त हुए, जो कुल का 93.10 प्रतिशत है।
मार्च और फरवरी महीने में जनपद की रैंकिंग अपेक्षाकृत कमजोर थी। इसे लेकर जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए सभी विभागों की नियमित साप्ताहिक समीक्षा शुरू की। खासतौर पर राजस्व विभाग में तय समय सीमा का पालन सुनिश्चित कराया गया और लंबित वादों के निस्तारण के लिए ठोस रणनीति अपनाई गई। कई मामलों में स्थलीय निरीक्षण कर तत्काल कार्रवाई भी की गई।
सीएम डैशबोर्ड आधारित राजस्व कार्यों की रैंकिंग कुल 58 बिंदुओं पर आधारित होती है, जिसमें जनसुनवाई की गुणवत्ता भी एक प्रमुख मापदंड है। अप्रैल महीने में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में भी जनपद ने सराहनीय प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व कार्यों की रैंकिंग मार्च के 41वें स्थान से सुधरकर अप्रैल में 27वें स्थान पर आ गई।
विकास कार्यों में भी साप्ताहिक समीक्षा और योजनाओं के नियमित अनुश्रवण के चलते बेहतर परिणाम प्राप्त हुए। मार्च में जहां जनपद की रैंकिंग 11वीं थी, वहीं अप्रैल में यह सुधार होकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई।
इस उल्लेखनीय सुधार को लेकर जिलाधिकारी ने जिले के सभी विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि इसी प्रकार आगे भी निरंतर प्रयास जारी रखें, जिससे जनपद मऊ प्रदेश में विकास और राजस्व कार्यों की दृष्टि से अग्रणी बना रहे।
इस उपलब्धि से न केवल जनपद की छवि निखरी है बल्कि यह दर्शाता है कि जब प्रशासनिक नेतृत्व में स्पष्टता, नियमित निगरानी और उत्तरदायित्व की भावना हो, तो किसी भी जिले में बड़े स्तर पर परिवर्तन लाया जा सकता है।