हेमकुंड साहिब: इक्वाइन इंफ्लुएंजा संक्रमण को लेकर अलर्ट, 900 से अधिक घोड़े-खच्चरों की हुई जांच




चमोली: सिख श्रद्धालुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक हेमकुंड साहिब की यात्रा इस वर्ष एक गंभीर स्वास्थ्य अलर्ट के बीच जारी है। उत्तराखंड प्रशासन ने इक्वाइन इंफ्लुएंजा (Equine Influenza) के बढ़ते खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर घोड़े और खच्चरों की जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अब तक 900 से अधिक घोड़े-खच्चरों की जांच की जा चुकी है।

क्या है इक्वाइन इंफ्लुएंजा?

इक्वाइन इंफ्लुएंजा एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से घोड़ों, खच्चरों और गधों में फैलता है। यह वायरस अत्यंत संक्रामक होता है और संक्रमित जानवरों में तेज बुखार, नाक से स्राव, खांसी और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर समय पर उपचार न हो, तो यह बीमारी जानवरों की मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

तीर्थ यात्रा पर असर

हेमकुंड साहिब की यात्रा में बड़ी संख्या में घोड़े और खच्चर उपयोग में लाए जाते हैं, जो यात्रियों और उनके सामान को गोविंदघाट से लेकर घांघरिया और वहां से हेमकुंड तक पहुंचाते हैं। ऐसे में इन जानवरों में संक्रमण फैलने की आशंका से यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

प्रशासन की कार्रवाई

चमोली जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से इस स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अभी तक:

900 से अधिक घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है

संदिग्ध मामलों को आइसोलेशन में रखा गया है

संक्रमित जानवरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है

यात्रा मार्गों पर चिकित्सकीय शिविर स्थापित किए गए हैं


पशुपालन विभाग के अनुसार, “अब तक किसी भी जानवर में गंभीर संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अलर्ट के चलते सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”

श्रद्धालुओं से अपील

प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान सफाई और सतर्कता बनाए रखें। साथ ही जिन श्रद्धालुओं को घोड़ों या खच्चरों का उपयोग करना है, वे सुनिश्चित करें कि वे प्रमाणित और जांचे गए जानवरों का ही चयन करें।

आगे की रणनीति

राज्य सरकार इस बीमारी पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है। यदि संक्रमण के और मामले सामने आते हैं तो यात्रा को अस्थायी रूप से रोके जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, नियमित टीकाकरण और निगरानी प्रक्रिया को भी और मजबूत किया जा रहा है।



हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और जानवरों दोनों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इक्वाइन इंफ्लुएंजा जैसे संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रशासन, पशुपालन विभाग और स्थानीय सेवाएं मिलकर काम कर रही हैं। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

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