रिपोर्ट : लखनऊ संवाददाता
दिल्ली : श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय ने हिंदू पक्ष को मजबूती प्रदान की है और यह निर्णय हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उच्च न्यायालय का निर्णय हिंदू पक्ष के हित में
मनीष यादव ने बताया कि यह निर्णय स्वामित्व की मांग को लेकर दाखिल सिविल वाद की पोषणीयता पर आधारित है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा करता है और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस निर्णय से न्यायपालिका की निष्पक्षता को बल मिलेगा और लोग न्याय प्रणाली में अधिक विश्वास करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करने का निर्णय
यादव ने यह जानकारी दी कि उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमें यह सुनिश्चित करना है कि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ किसी भी अनपेक्षित कार्रवाई को रोका जा सके। यह कदम हमारी रणनीति का हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान ऑर्डर 7 रूल 11 पर हिंदू पक्ष के समर्थन में निर्णय आया था।
मुस्लिम पक्ष की संभावित अपील
मनीष यादव ने उल्लेख किया कि मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी, लेकिन उससे पूर्व में ही उन्होंने अपनी कैविएट दाखिल कर दी। यह कदम संभावित कानूनी जटिलताओं को रोकने के लिए उठाया गया है और यह सुनिश्चित करता है कि हिंदू पक्ष को न्यायिक प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान और शांति की अपील
यादव ने सभी संबंधित पक्षों से अपील की कि वे न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करें और स्थिति को तनावपूर्ण न बनाएं। उन्होंने कहा, “हमें मिलकर इस संवेदनशील मुद्दे का समाधान करना चाहिए। सभी पक्षों को एक साथ आकर इस मामले का सम्यक समाधान निकालना चाहिए ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी समुदायों की जिम्मेदारी है कि वे आपसी सहिष्णुता और सम्मान बनाए रखें।