Report By : Sanjay Kumar Sahu, Chitrakoot
चित्रकूट : उच्चाधिकारियों की अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों से लोगों से सद्व्यवहार और दोनों पक्षों की बात सुनकर कार्रवाई करने के चाहे जितने निर्देश दिए जाएं पर वर्दी के रुआब में ज्यादातर मामलों में ऐसा हो नहीं पाता। ताजा मामला बस स्टैंड का है। यहां मोबाइल की दुकान किए एक युवक का आरोप है कि कोतवाली से आए एक एसएसआई ने उसकी दुकान का सामान बाहर फेंक दिया।
कांशीराम कालोनी लोढ़वारा निवासी राहुल पुत्र पितांबर ने बताया कि उसकी बस स्टैंड में एक किराये की दुकान है। उसने आरोप लगाया कि बीते दिन कोतवाली से एसएसआई प्रभुनाथ यादव आए और दुकान को जबरिया खाली करने का दबाव बनाया।
उसका आरोप है कि जब उसने मना किया तो उसे और उसके पिता को कोतवाली ले गए। धमकाया कि दुकान खाली कर दो अन्यथा ऐसा मुकदमा लिखूंगा कि जिंदगी भर दोनों जेल में रहोगे। राहुल का दावा है कि उसने इस पर संबंधित कागजात भी एसएसआई को दिखाए और बताया कि वह मकानमालिक केदरिया से एग्रीमेंट के बाद किराये में दुकान लिए है।
राहुल का कहना है कि इसके बाद भी वह कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए और दुकान की चाभी ले ली। राहुल ने बताया कि शुक्रवार को एसएसआई कुछ पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों के साथ दुकान पहुंचे और दुकान का सामान बाहर फेंक दिया। राहुल ने बताया कि दुकान का मामला कोर्ट के विचाराधीन है। सिर्फ विपक्षियों से मिलकर एसएसआई ने उसकी दुकान खाली कर सामान बाहर फेंक दिया है। उसने एसएसआई पर पैसे की मांग करने का भी आरोप लगाया है। शुक्रवार को राहुल एसपी से मिलकर अपनी फरियाद करने भी गया पर वहां एसपी से मुलाकात न होने पर उसने उनको संबोधित प्रार्थनापत्र अधीनस्थ अधिकारी को दिया।
एसएसआई ने किया इंकार
उधर, इस मामले में एसएसआई प्रभुनाथ यादव ने खुद पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया। उनका कहना था कि राहुल ने उनको किसी तरह के कागजात नहीं दिखाए हैं और न उसके पास कोई कागज है। जब उनसे यह पूछा गया कि जमीन विवाद संबंधी मामले में उनके साथ राजस्व का कोई कर्मी क्यों नहीं था तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। कोर्ट में लंबित मामले पर कार्रवाई संबंधी सवाल को भी वह टाल गए।