मसवासी क्षेत्र में तेंदुए का आतंक, वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर ली राहत की सांस

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर के मसवासी क्षेत्र में कई गांवों में आतंक का पर्याय बने तेंदुए में से एक को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया है, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली है। यह तेंदुआ करीमपुर गांव के पास बाबा शेख फरीद स्टोन क्रेशर के निकट रखे पिंजरे में शुक्रवार सुबह कैद हो गया। वन विभाग की टीम इसे पकड़कर पीपली बन ले गई और अब इसे किसी सुरक्षित जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग के लिए चुनौती
करीमपुर के अलावा यह तेंदुआ बेलवाड़ा और धरमपुर के जंगलों में भी सक्रिय था और कई बार कुत्तों को अपना शिकार बना चुका था। करीमपुर गांव निवासी पूर्व प्रधान हरमेल सिंह के भाई अवतार सिंह का कुत्ता भी तेंदुए का शिकार बन गया था, जिसका वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया था। इसी तरह, पिछले सप्ताह जवाहरगंज चंदोला के किसान अनीस अहमद के कुत्ते को भी तेंदुए ने निशाना बनाया था, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल था।

तेंदुए की मौजूदगी के कारण गांवों में लोग रात को बाहर निकलने से घबराने लगे थे और खेतों में काम करने वाले मजदूरों में भी खौफ का माहौल था। मजदूरों ने बताया कि जब उन्होंने तेंदुए को देखा, तो वे घबराकर गन्ने के खेतों की ओर भागे।
वन विभाग की कार्रवाई, लेकिन खतरा बरकरार
तेंदुए को पकड़ने की सूचना मिलते ही वन रेंजर मुजाहिद हुसैन, वन दरोगा शील कुमार और अन्य वन विभाग कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पिंजरे को एक पिकअप वाहन में लादकर ले गए। वन रेंजर मुजाहिद हुसैन ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तेंदुए को जल्द ही किसी दूसरे जंगल में छोड़ा जाएगा।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में अभी भी अन्य तेंदुए सक्रिय हैं, जो लगातार जंगलों और गांवों में देखे जा रहे हैं। उनका मानना है कि ये तेंदुए उत्तराखंड के जंगलों से भटककर यहां पहुंचे हैं और वन विभाग को उन्हें पकड़ने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे।
ग्रामीणों की अपील – वन विभाग को सतर्क रहना होगा
तेंदुए के पकड़े जाने के बावजूद ग्रामीण पूरी तरह से निश्चिंत नहीं हैं। उनका कहना है कि अब भी अन्य तेंदुए जंगलों में छिपे हो सकते हैं, जो कभी भी दोबारा हमला कर सकते हैं। वन विभाग को चाहिए कि वह क्षेत्र में लगातार गश्त करे और बाकी तेंदुओं को भी पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए, ताकि गांवों में दहशत का माहौल खत्म हो सके।
वन विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई से ग्रामीणों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन पूरी सुरक्षा के लिए अभी और प्रयासों की जरूरत है।