मनीष मिश्रा गाजीपुर की पत्रकारिता में सच्चाई, साहस और समर्पण का नाम

Report By : आसिफ़ अंसारी
गाजीपुर की पत्रकारिता में अगर किसी नाम को सबसे अधिक सम्मान, भरोसे और निष्पक्षता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तो वह नाम है – मनीष मिश्रा। मनीष मिश्रा एक ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने न केवल खबरों को लोगों तक पहुँचाया, बल्कि पत्रकारिता को सच्चे मायनों में समाज का दर्पण बनाया। वे न्यूज़18 जैसे देश के प्रतिष्ठित चैनल ग्रुप से जुड़े हुए हैं, और उन्होंने पत्रकारिता को एक मिशन की तरह जिया है – पूरी ईमानदारी, निष्ठा और साहस के साथ।
पत्रकारिता में मनीष मिश्रा की सबसे बड़ी पहचान है – उनकी निर्भीकता और निष्पक्षता। वे कभी सत्ता से डरते नहीं, न ही किसी दबाव में आकर खबरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं। उनके लेखन और रिपोर्टिंग में सच्चाई और स्पष्टता होती है। जो देखा, जो जाना, वही बताया – यही उनका तरीका है। चाहे कोई राजनीतिक मुद्दा हो, या स्थानीय समस्या, मनीष मिश्रा हर खबर को पूरी गहराई से समझते हैं और फिर उसे तथ्यात्मक तरीके से जनता के सामने रखते हैं।
उनकी पत्रकारिता का एक और अनोखा पक्ष है – उनकी बहुआयामी प्रतिभा। वे न केवल रिपोर्टिंग करते हैं, बल्कि अन्य पत्रकारों के लिए स्क्रिप्ट तैयार करना, वीडियो बनाना और तकनीकी सहयोग देना भी उनका रोजमर्रा का काम है। सिटी न्यूज़ ऑफिस, जो आज गाजीपुर के पत्रकारों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, वहीं से मनीष मिश्रा का संचालन होता है। वहाँ जिले के लगभग सभी प्रमुख चैनलों के पत्रकार आते हैं, चर्चा करते हैं और एक-दूसरे से सीखते हैं – और इस माहौल का केंद्र होते हैं मनीष मिश्रा।
पत्रकार गोविंद तिवारी, जो स्वयं एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और राष्ट्रवादी चिंतन से जुड़े रहे हैं, बताते हैं कि जब वे अमर उजाला में कार्यरत थे, तब उनकी पहली मुलाकात मनीष मिश्रा से हुई थी। उस पहली ही मुलाकात में उन्हें मनीष मिश्रा के भीतर एक गंभीर, समर्पित और जिम्मेदार पत्रकार की छवि दिखाई दी। वे कहते हैं कि मनीष मिश्रा न केवल खुद के लिए, बल्कि नए पत्रकारों के लिए भी हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं।
हालांकि मनीष मिश्रा मूल रूप से प्रयागराज के निवासी हैं, लेकिन उन्होंने गाजीपुर को अपनी कर्मभूमि बनाया। यहाँ की जमीन से जुड़कर उन्होंने पत्रकारिता को एक नई दिशा दी। उन्होंने यह साबित किया कि अगर इरादे नेक हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी व्यक्ति कहीं भी रहकर पत्रकारिता में बदलाव ला सकता है।
आज मनीष मिश्रा सिर्फ एक पत्रकार नहीं हैं, वे गाजीपुर के मीडिया जगत का एक मजबूत स्तंभ बन चुके हैं। उनके विचारों में राष्ट्र सर्वोपरि है, और उनकी कलम हमेशा सच्चाई के लिए चलती है। वे पत्रकारिता को एक जिम्मेदारी मानते हैं, न कि सिर्फ एक नौकरी। यही कारण है कि वे आज गाजीपुर के युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
गोविंद तिवारी कहते हैं कि मनीष मिश्रा जैसे पत्रकार समाज की असली तस्वीर सामने लाने का कार्य करते हैं, और उनकी मेहनत, सच्चाई और पत्रकारिता के प्रति समर्पण को नमन किया जाना चाहिए। वे सचमुच कलम के सच्चे सिपाही हैं।
मनीष मिश्रा जैसे पत्रकार न केवल समाज की आवाज़ बनते हैं, बल्कि भविष्य की पत्रकारिता को भी सही दिशा दिखाते हैं। उनके योगदान के लिए उन्हें जितनी सराहना दी जाए, वह कम है।