Published by : Sanjay Sahu,Chitrakoot
चित्रकूट के जिला अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता अश्विनी (24) की मौत हो गई है परिजनों का आरोप है कि डॉ पीडी चौधरी और डॉक्टर रफीक अंसारी की लापरवाही की वजह से जच्चा की मौत हो गयी।
बताते चले कि मंगलवार देर शाम कालुपुर कर्वी निवासी अजय कुमार ने शाम 8 बजे अपनी पत्नी अश्वनी दिनकर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था मृतक के पति अजय का आरोप है कि डॉंक्टर पीडी चौधरी और रफीक अंसारी की लापरवाही से अश्वनी की मौत हो गयी इतना ही नही डाँक्टरो ने परिजनों को बताया तक नही इसके अलावा हमसे डाँक्टरो ने एक प्राइवेट आदमी के जरिये 12 हज़ार रुपये ऑपरेशन के नाम पर जमा भी करवा लिया। इतना ही नहीं डेढ़ साल पहले पहाड़ी रोड स्थित प्राइवेट यशोदा अस्पताल में डॉक्टर पीडी चौधरी और डॉक्टर रफीक अंसारी की वजह से (24) वर्षीय अध्यापिका दीपिका कुशवाहा की मौत हो गई थी जिसका वीडियो भी वायरल हुवा था बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन ने लापरवाह डाँक्टरो पर कोई ठोंस कार्यवाही नही हो पाई थी जिसका कारण यह रहा कि आज फिर एक 24 साल की नव विवाहिता डाँक्टरो की लापरवाही की भेंट चढ़ गई तो वही सीओ सदर हर्ष पाण्डेय मृतका के पिता के ढांढस बधाते नज़र आये।
परिजनों का आरोप है कि किसी भी डॉक्टर और नर्स ने प्रसूता महिला का प्रसव ठीक से नहीं कराया. जिससे महिला की मौत हो गई. हंगामा कर रहे परिजनों ने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की है. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम और क्षेत्राधिकारी ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. इस मामले में स्वास्थ्य महकमे के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने बोलने से मना कर दिया. वहीं एसडीएम राजबहादुर का कहना है कि परिजनों की तरफ से अभी तहरीर नहीं मिली है. जो भी तहरीर मिलेगी उस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।
उधर इस मामले पर जब जिला अस्पताल के सीनियर गायनोलॉजिस्ट रफीक अंसारी से बातचीत की गई तो बताया कि मैंने ऑपरेशन किया है और कोई भी ऑपरेशन के दौरान खून का थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है अगर धमनियों में ब्लड बहता है तो खून के थक्के जमने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है अगर किसी भी व्यक्ति को हार्ट की बीमारी थोड़ा बहुत होती है तो वह ब्लॉकेज को बढ़ा देता है तो वह और ज्यादा रुकावटें पैदा कर देता है जिससे हार्ट अटैक आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है जिससे सर्जरी के 2 घंटे 4 घंटे 5 घंटे बाद किसी भी समय हार्टअटैक हो सकता है यही हार्ड अटैक उनके साथ हुआ है जिनसे उनकी मृत्यु हो गई।
जब 12000 लेने की बात रफीक अंसारी से पूँछी गई तो उन्होंने साफतौर मना कर दिया और कहा कि परिजन गुस्से में है इसलिए कोई भी आरोप डॉक्टर पर लगाना स्वाभाविक है हमने कोई भी पैसा किसी के माध्यम से नहीं लिया।