नौतपा 2025: कब से शुरू होगा नौतपा? जानें क्या है बढ़ती गर्मी का ज्योतिषीय संबंध

Report By: स्पेशल डेस्क
गर्मी अपने चरम पर है और मई का महीना जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत में मई के अंतिम सप्ताह में एक विशेष खगोलीय घटना होती है जिसे “नौतपा” कहा जाता है। यह न केवल मौसम विज्ञान की दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण समय माना जाता है।
क्या है नौतपा?
नौतपा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है “नौ दिन की तपन”। ये वो नौ दिन होते हैं जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। माना जाता है कि इस समय पृथ्वी पर सूर्य की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं, जिससे तापमान में असाधारण वृद्धि होती है।
नौतपा 2025 कब से शुरू होगा?
साल 2025 में नौतपा की शुरुआत 25 मई से होगी और इसका समापन 2 जून को होगा। यह नौ दिन सूर्य की तेज़ किरणों से पृथ्वी तपने लगती है। इन दिनों को भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से नौतपा का महत्व
ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो वह पृथ्वी के अत्यंत समीप आ जाता है। इस खगोलीय स्थिति के कारण सूर्य की ऊष्मा अपनी चरम सीमा पर पहुंचती है।
ज्योतिष में रोहिणी नक्षत्र को चंद्रमा का नक्षत्र माना गया है, और यह 27 नक्षत्रों में से सबसे सुंदर व शक्तिशाली नक्षत्रों में एक है। जब सूर्य इस नक्षत्र में आता है, तो माना जाता है कि सूर्य और चंद्रमा की ऊर्जा का विशेष मेल होता है, जिससे मौसम में असंतुलन और गर्मी की तीव्रता बढ़ती है।
क्या होता है नौतपा के दौरान?
तापमान में अचानक बढ़ोतरी होती है
लू चलने की संभावना अधिक होती है
शरीर में जल की कमी हो सकती है
धूप बेहद तीव्र हो जाती है
मौसम सूखा और गर्म होता है
नौतपा और मॉनसून का संबंध
पुराने पंचांग और ज्योतिष शास्त्रों में यह भी उल्लेख मिलता है कि नौतपा के दौरान जितनी अधिक गर्मी होती है, मानसून उतना ही अच्छा रहता है। यानी अगर नौतपा में सूर्यदेव अच्छा तापमान देते हैं, तो वर्षा भी अच्छी होती है।
नौतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थ का सेवन करें
छाते, टोपी या सनग्लास का प्रयोग करें
हल्के और सूती कपड़े पहनें
दिन में बार-बार आराम करें
क्या न करें:
दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें
गर्म और मसालेदार भोजन न करें
धूप में नंगे सिर बाहर न जाएं
बर्फीले पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन न करें