Report By : Sanjay Sahu, Chitrakoot
चित्रकूट : सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन विवेक कुमार शुक्ल पर कथित रूप से जानलेवा हमले के चार आरोपियों को रविवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। उधर, इस मामले में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
शनिवार की शाम सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी विवेक शुक्ला से भरतकूप थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोंडा तिराहे पर ट्रकों की जांच के दौरान स्थानीय लोगों और ट्रक मालिकों से विवाद हो गया था। इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी विवेक कुमार शुक्ल पुत्र स्व. भानु शुक्ल निवासी मुट्ठीगंज प्रयागराज ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि ओवरलोडिंग के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत वह चार फरवरी को प्रवर्तन दल के साथ भरतकूप-गोंडा तिराहे पर चेकिंग के दौरान लाल मिट्टी और बोल्डर लादे हुए दो ओवरलोड डंपरों के चालक प्रवर्तन दल को देखकर वाहन खड़ा कर भाग गए। एआरटीओ का कहना है कि वाहनों को थाने लाने का प्रयास करने के दौरान लगभग पंद्रह लोग वहां पहुंचे और उनको वहां से चले जाने को कहने लगे। एआरटीओ का आरोप है कि इस दौरान गोंडा निवासी राजकुमार श्रीवास पुत्र रामगोपाल, राजकरन पुत्र धर्मपाल श्रीवास और नंदकिशोर श्रीवास पुत्र रामगोपाल के साथ शिवशंकर त्रिपाठी पुत्र रामगोपाल निवासी सिकरिया व कपलेंद्र व धर्मेंद्र आदि ने उन पर हमला कर दिया, जिससे वह कुछ देर को गिरकर अचेत हो गए। एआरटीओ ने आरोपियों पर मोबाइल पटकने का भी आरोप लगाया। उधर, रविवार को पुलिस ने चार मुख्य आरोपियों को कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद जेल भेज दिया। इसके पूर्व पुलिस ने सभी का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया।
सोशल मीडिया में गरमाया मामला।
उधर, एआरटीओ की कार्यशैली के पक्ष और विपक्ष में सोशल मीडिया में पोस्टों का दौर चलने लगा। जहां तमाम लोग ट्रक मालिकों को माफियाओं का नाम देकर उन पर निरंकुशता का आरोप लगाकर एआरटीओ पर हमले के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो वहीं ऐसे लोग भी हैं जो एआरटीओ की कार्यप्रणाली को गलत बता रहे हैं। इनका कहना है कि यह लोगों से अभद्र व्यवहार करते हैं। कई लोग इनके झांसी और ललितपुर में कार्यकाल के दौरान हुए मामलों का भी उदाहरण देते हैं। जिले में भी पहले भी एआरटीओ से लोगों के छिटपुट विवाद हो चुके हैं। इसमें एक समुदाय को लेकर भी कई पोस्टें की जा रही हैं।
वीडियो भी हुए वायरल
घटना को लेकर वीडियो भी वायरल हुए हैं। इसमें एक पक्ष इन वीडियो को पोस्ट कर वाहन चालकों के पक्ष में अपनी बातें कह रहा है। वहीं दूसरा पक्ष एआरटीओ पर वाहन मालिक से अभद्रता और मारपीट करने के दावे कर वीडियो को अपने पक्ष में बता रहा है।