एक राष्ट्र, एक चुनाव पर महिला सम्मेलन का आयोजन, प्रो. रीता बहुगुणा जोशी और राज्यसभा सांसद डॉ. संगीता बलवंत ने साझा किए विचार

एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान के अंतर्गत आज गाजीपुर जनपद के सिखड़ी स्थित शबरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक भव्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर की महिलाओं को “वन नेशन, वन इलेक्शन” की अवधारणा से अवगत कराना और इस विषय पर समाज में जागरूकता फैलाना रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं, जिनके संबोधन में इस संकल्पना की गहराई और उद्देश्य का विस्तार से उल्लेख किया गया।
प्रो. जोशी ने कहा कि “एक देश, एक चुनाव” न केवल एक प्रशासनिक सुधार है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि शासन व्यवस्था भी प्रभावित होती है। लगातार आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य बाधित होते हैं और जनता को बार-बार मतदान प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे समय, धन और श्रम – तीनों की हानि होती है।
उन्होंने आगे बताया कि इस विचार को लागू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 191 दिनों तक गहन विमर्श और विभिन्न पक्षकारों व विशेषज्ञों से राय लेने के पश्चात 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।
प्रो. जोशी ने कहा कि “एक देश, एक चुनाव” को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना आवश्यक होगा। इसके अंतर्गत एक नया अनुच्छेद जोड़ा जाएगा और तीन अनुच्छेदों में संशोधन किया जाएगा, जिससे एक साथ लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकें।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ. संगीता बलवंत ने भी विचार रखते हुए कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव कराने से सरकार पर अत्यधिक वित्तीय बोझ पड़ता है। बार-बार चुनाव होने से सरकारी खजाने से अलग-अलग खर्च होता है, जबकि यदि सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो उसी प्रक्रिया में समय और धन दोनों की बचत होगी। इससे आर्थिक स्थिरता, नीतिगत निरंतरता और तेजी से विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. बलवंत ने यह भी कहा कि बार-बार चुनावों के कारण उद्योग-धंधों और व्यापारिक निर्णयों पर भी असर पड़ता है। अगर चुनाव एक साथ होंगे तो नीति में बार-बार बदलाव का डर नहीं रहेगा और उद्योग जगत निर्भीकता से निर्णय ले सकेगा।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती सरिता अग्रवाल ने सम्मेलन में मौजूद छात्राओं और महिलाओं से आह्वान किया कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूक बनें और अपने आस-पास के लोगों को भी इसके फायदे समझाएं। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें भाग लेने वाले सभी नागरिकों के हस्ताक्षर महामहिम राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे ताकि जनसमर्थन को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
कार्यक्रम में महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष साधना राय ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की प्रस्तावना को सभा के समक्ष पढ़ा और सभी उपस्थित जनों से इस मुहिम में सहभागी बनने की अपील की। की सह प्राचार्य नीलम राय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और सम्मेलन की समाप्ति की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं, और जब महिलाएं जागरूक होती हैं, तो पूरा परिवार और समाज जागरूक होता है।
इस अवसर पर रुद्रा पाण्डेय, पूनम मौर्या, सीता सिंह, सरोज मिश्रा, किरण सिंह, माया सिंह, प्रीति गुप्ता, मीनू मौर्या, अनीता देवी, नीलिमा गांधी, विनीता सिंह, कल्पना कुशवाहा, प्रीति रावत सहित अनेक गणमान्य महिलाएं एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन कुशलता से माया सिंह द्वारा किया गया।
यह सम्मेलन न केवल एक चुनावी सुधार अभियान का हिस्सा था, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक संवाद का भी प्रतीक बना, जहां महिलाओं ने सक्रिय सहभागिता करते हुए देशहित में अपनी भूमिका को और अधिक मजबूत बनाने का संकल्प लिया।