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जिला अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत एक माह बाद भी गर्भपात के मामले में लीपापोती !

Report : Sanjay Sahu


नगर पालिका स्थित गर्ल्स कॉलेज के लक्ष्मणपुरी मोहल्ले में घर में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा की हालत बिगड़ गई। परिजन दोनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने कहा अभी डॉक्टर के आने में देर है। इमर्जेंसी में डॉक्टर को दिखाया गया तो मौत की पुष्टि के बाद परिजन दोनों शव लेकर घर चले गए।

सफाईकर्मी राजा की पत्नी सीमा (22) को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई। राजा ने बताया कि छह बजकर 45 मिनट पर पत्नी का प्रसव घर में ही कराया गया। जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य थे लेकिन कुछ मिनट बाद ही दोनों की हालत बिगड गई बता दें कि पिछले साल दोनों की शादी 29 मई 2021 को हुई थी।

इस पर परिजन दोनों को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद डाक्टर ने रेफर कर दिया। भतीजे रोहित, राहुल व पवन ने बताया कि दोनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो जच्चा बच्चा वार्ड में मौजूद स्टाफ ने कहा कि अभी डॉक्टर के आने में देर लगेगी तब तक इमर्जेंसी में बैठे डॉक्टर को दिखा लें। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।


जच्चा बच्चा के मौत की जानकारी होते ही परिजनों में शोक व्याप्त हो गया। मृतका के पति ने बताया कि उसकी पत्नी का पूरा इलाज जानकीकुंड अस्पताल का चल रहा था। सोमवार की सुबह उसे लेकर अस्पताल गया था। वहां बताया गया कि बच्चा निर्धारित समय से ज्यादा समय का हो गया है।


महिला कमजोर है इसे ब्लड चढ़ाना पडे़गा। इसके बाद अगले दिन आने की बात कहकर वह पत्नी को लेकर घर आ गया। शाम को दर्द के बाद जल्द किसी अस्पताल तक जाने का समय नहीं मिला। आसपास की महिलाओं की मदद से ही प्रसव करा दिया गया। लगभग आधे घंटे बाद दोनों की मौत हो गई।

तो वहीं अस्पताल के जच्चा बच्चा वार्ड में मौजूद स्टाफ ने बताया कि अस्पताल आने के पहले ही दोनों की मौत हो चुकी थी, लेकिन इसकी पुष्टि वह नहीं कर सकती थीं। इसी कारण इमर्जेंसी में भेजा गया था। इमर्जेंसी में मौजूद डा. उमेश ने दोनों के मौत की पुष्टि की। इसके बाद परिजन दोनों को लेकर घर चले गए।

खैर जिला अस्पताल के लिए यह आम बात हो गयी क्योंकि यहां का लापरवाह स्टॉफ़ भी बहाने बनाने में नःम्बर वन है और जांच रिपोर्ट को बदलने में अवल्ल है कुछ दिनों पहले ही पहाड़ी ब्लाक में एनएम और स्टाफ नर्स के द्वारा रात्रि में गर्भपात को अंजाम दिया गया था लापवाही की हद तो तब हो गयी जब महिला का आधा गर्भपात किया गया और उसकी हालात गंभीर होने लगी आनन फानन उसे जिला अस्पताल एम्बुलेंस से भेजा गया जहां पर उसका गर्भ में फंसे आधे भ्रूण को साफ किया गया तब जाकर उसकी जान बच सकी लेकिन अभी तक इस मामले की जांच नही हो सकी है उधर मुख्य विकास अधिकारी के कहने के बाद भी सीएमओ इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं 10 दिन पहले सीएमओ ने कहा था जल्द ही जांच करवाकर इसकी रिपोर्ट दी जाएगी लेकिन अभी तक यह साफ नही हो सका कि मामले में कहां लीपापोती की जा रही है उधर एक सप्ताह पहले भी गर्भपात के मामले को सदर विधायक ने सीएमओ से जल्द जांचकर रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन लीपापोती के चक्कर मे अभी तक यह पता नही चल पाया की मामले में देरी कहाँ की जा रही हैं।
जानकरी के अनुसार पीडित महिला के ऊपर एनएम और पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ से दबाव बनाने का काम किया जा रहा है जबकि उसने अपनी हैंडराइटिंग में पहाड़ी में तैनात महिला चिकित्सक यात्रा भारद्वाज को एक पत्र सौंपा था कि उसके साथ क्या हुवा है इतना ही नही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्राभारी ने एएनएम को इसी मामले को लेकर जमकर फटकार लगाई थी लेकिन मामले को कोई ठोस कार्यवाही नही हो सकी हैं।

सूत्र बताते हैं कि यह एएनएम इसी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 साल से तैनात हैं और इसके ऐसे कारनामों को लेकर इसको कई बार शाशन ने इसको हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन अपनी पकड़ के चलते आला अधिकारियों की भी हिम्मत इसके आगे कतराती है।

फिलहाल जनता द्वारा चुने विधायक अनिल प्रधान के सवालों का जवाब और मुख्य विकास अधिकारी के जवाब का अभी तक सीएमओ द्वारा एक माह बाद भी कोई लिखित कार्यवाही से अवगत नही करवाया गया है।

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