उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा, वसूली के आरोपों से नाराजगी

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर जिले के मसवासी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष हाजी तसददुक हुसैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए संगठन छोड़ने की घोषणा की है।
वसूली के आरोपों से नाराज कोषाध्यक्ष ने छोड़ा संगठन
हाजी तसददुक हुसैन ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों पर दुकानदारों से जबरन वसूली करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल में कुछ ऐसे लोग शामिल हो गए हैं, जो व्यापारियों से विभिन्न कार्यक्रमों के नाम पर धन एकत्रित करते हैं। हालांकि, इस राशि का उचित उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसका मनमाना बंटवारा कर लिया जाता है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में व्यापार मंडल के कुछ सदस्यों ने प्रत्येक दुकानदार से ₹500 की वसूली की थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह पैसा कहां और किसके पास गया। नियमों के अनुसार, व्यापार मंडल द्वारा इकट्ठे किए गए फंड का उपयोग कोषाध्यक्ष की देखरेख में होना चाहिए, लेकिन नगर के व्यापार मंडल में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।
व्यापारियों में असंतोष, भविष्य में संगठन पर उठ सकते हैं सवाल
व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष के इस खुलासे के बाद स्थानीय व्यापारियों में असंतोष बढ़ सकता है। व्यापार मंडल का मूल उद्देश्य व्यापारियों के हितों की रक्षा करना और उनके लिए लाभदायक योजनाएं बनाना होता है, लेकिन यदि संगठन में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो इसकी साख पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
हाजी तसददुक हुसैन का कहना है कि जब संगठन में पारदर्शिता नहीं होगी और व्यापारियों से जबरन वसूली की जाएगी, तो वे ऐसे संगठन का हिस्सा नहीं बन सकते। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।
व्यापार मंडल के अन्य सदस्यों की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर व्यापार मंडल के अन्य पदाधिकारियों की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, संगठन के कुछ सदस्य भी अंदर ही अंदर इस मुद्दे को लेकर नाराज हैं और जल्द ही कोई ठोस निर्णय ले सकते हैं।
व्यापारियों की उम्मीदें और अगला कदम
इस घटनाक्रम के बाद व्यापारियों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि व्यापार मंडल की आगे की रणनीति क्या होगी। क्या संगठन इन आरोपों की जांच करेगा, या फिर इसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा?
यदि व्यापारियों में असंतोष बढ़ता है, तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में व्यापारी संगठनों के भीतर और भी बदलाव देखने को मिलें। व्यापारियों को उम्मीद है कि उनके हितों की रक्षा के लिए संगठन में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहेगी।