विश्व पुलिस एवं फायर गेम्स 2025 में उत्तराखण्ड फायर सर्विस का अभूतपूर्व प्रदर्शन, भारत को दिलाए 9 पदक

Report By: उत्तराखंड डेस्क
बर्मिंघम: अमेरिका के बर्मिंघम शहर में आयोजित विश्व पुलिस एवं फायर गेम्स 2025 में पहली बार भाग लेते हुए उत्तराखण्ड फायर सर्विस के चार जांबाज जवानों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रौशन कर दिया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में 70 से अधिक देशों के 8,500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जहां भारत की ओर से केवल चार प्रतिभागियों की टीम थी — और वह भी पूरी की पूरी उत्तराखण्ड से।
इनमें तीन महिला अग्निशमन कर्मी और एक पुरुष फायरफाइटर शामिल थे, जिन्होंने अपने अद्भुत साहस, अनुशासन और परिश्रम से न सिर्फ भारत की मेडल टैली में अहम योगदान दिया, बल्कि पूरे विश्व में उत्तराखण्ड फायर सर्विस की पहचान को एक नई ऊँचाई दी।
9 पदकों की ऐतिहासिक उपलब्धि
उत्तराखण्ड फायर सर्विस के इन चार वीरों ने कुल 9 पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस अभूतपूर्व प्रदर्शन में शामिल रहे:
डिंपल रावत, जिन्होंने अकेले 6 पदक जीते — 2 स्वर्ण, 1 रजत, और 3 कांस्य। उनका यह प्रदर्शन भारतीय वर्दीधारी सेवाओं की फिटनेस, समर्पण और निष्ठा का प्रतीक बनकर उभरा है।
दिनेश चंद्र भट्ट, फायर सर्विस चालक, जिन्होंने अल्टीमेट फायर फाइटर स्पर्धा में रजत पदक और फायर फाइटिंग चैलेंज में कांस्य पदक जीतकर अपनी दक्षता का परिचय दिया।
माधुरी भंडारी और पिंकी रावत, जिन्होंने डिंपल के साथ टीम बनाकर अल्टीमेट फायर फाइटर टीम इवेंट में कांस्य पदक, और स्टेयर रन (फुल फायर गियर) में रजत पदक प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इन जांबाजों को बधाई देते हुए कहा:
हर एक पदक हमारे फायर फाइटर्स के समर्पण, मानसिक दृढ़ता और शारीरिक क्षमता का प्रमाण है। यह जीत न केवल एक खेल की उपलब्धि है, बल्कि उत्तराखण्ड फायर सर्विस की पहचान और भारत के गौरव की चमक है, जो आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर दमक रही है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह उपलब्धि अग्निशमन जैसी सेवा में कार्यरत कर्मियों के साहस, अनुशासन और प्रशिक्षण की ऊँचाई को दर्शाती है, और यह जीत लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है।
उत्तराखण्ड की बेटियां बनीं राष्ट्र की शान
इस प्रतियोगिता में तीन महिला फायरफाइटर्स की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। डिंपल रावत, माधुरी भंडारी, और पिंकी रावत ने यह साबित कर दिया कि अग्निशमन जैसे जोखिमपूर्ण कार्य में महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं। उनका प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखण्ड की बेटियां अब सिर्फ हिमालय की ऊँचाइयों पर ही नहीं, बल्कि विश्व मंच पर भी अपने परचम फहरा रही हैं।
पहली बार भागीदारी, सीधा इतिहास में नाम
इस प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड फायर सर्विस की यह पहली आधिकारिक भागीदारी थी। सीमित संसाधनों और कठिन प्रशिक्षण के बावजूद इन योद्धाओं ने जो प्रदर्शन किया है, वह भारतीय आपात सेवा विभागों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्षमता और तैयारियों को दर्शाता है।