उत्तर प्रदेश में सड़क क्रांति: 54 जिलों की 150 सड़कों का कायाकल्प, 44 जिलों में 255 मार्गों की होगी विशेष मरम्मत

Report By : उत्तर प्रदेश डेस्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। इसी क्रम में अब प्रदेश की सड़कों को लेकर एक मेगा प्लान की शुरुआत की गई है। सरकार ने 54 जिलों की 150 प्रमुख सड़कों के कायाकल्प के लिए 250 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही, 44 जिलों के 255 मार्गों की 79 करोड़ रुपए से विशेष मरम्मत भी कराई जाएगी।

इस निर्णय से प्रदेश की सड़क व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी, जिससे न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार भी तेज होगी।

राज्य सड़क निधि के तहत होगी परियोजना की फंडिंग
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए धनराशि राज्य सड़क निधि (State Road Fund) से स्वीकृत की गई है। यह एक विशेष फंड है, जो राज्य के सड़क विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें नए निर्माण, सुदृढ़ीकरण (Strengthening), चौड़ीकरण (Widening) और विशेष मरम्मत जैसे कार्य शामिल होते हैं।

लोक निर्माण विभाग (PWD) को इस कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को शासन की ओर से आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि कार्य शीघ्रता और गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो।

किन जिलों की सड़कों का होगा कायाकल्प?
इस योजना के तहत 54 जिलों की 150 सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा। प्रमुख जिले इस प्रकार हैं:
लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, रायबरेली, गोरखपुर, अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर व देहात, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, मुरादाबाद, इटावा, जालौन, ललितपुर, झांसी, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, शामली, बिजनौर, हरदोई, फतेहपुर, प्रतापगढ़, महोबा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती आदि।

इन सड़कों का या तो पुनर्निर्माण (Reconstruction) किया जाएगा या फिर मौजूदा सड़कों को चौड़ा और मजबूत बनाकर यातायात के लिहाज़ से अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जाएगा।

44 जिलों में विशेष मरम्मत के लिए 79 करोड़ रुपए की स्वीकृति
सड़कों की हालत में सुधार लाने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है। 44 जिलों में 255 मार्गों की विशेष मरम्मत (Special Repair) की जाएगी, जिसके लिए 79 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

इन जिलों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
फर्रुखाबाद, कासगंज, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, एटा, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, गाजीपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी, झांसी, चित्रकूट, बांदा, सोनभद्र, भदोही, रामपुर, मुरादाबाद आदि।

इन सड़कों में गड्ढा मुक्त अभियान के तहत सुधार कार्य, नई परत चढ़ाने (Overlay), जल निकासी व्यवस्था सुधारने जैसे काम होंगे।

पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक सड़क विकास की रफ्तार
योगी सरकार का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि राज्य के हर हिस्से — चाहे पूर्वांचल हो या बुंदेलखंड, तराई क्षेत्र हो या पश्चिमी यूपी — सभी को बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है।

पूर्वांचल में जिन जिलों में काम हो रहा है, उनमें आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर आदि हैं। वहीं पश्चिमी यूपी में मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर, शामली, गाजियाबाद जैसे जिले भी शामिल हैं।

आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा पहलुओं पर पड़ेगा असर
इस बड़े पैमाने पर हो रहे सड़क विकास से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि व्यापारियों, किसानों और छात्रों को भी काफी लाभ होगा। गांवों से शहरों तक माल ढुलाई तेज होगी, जिससे कृषि उत्पादों की समय पर बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होगी।

पर्यटन स्थलों तक बेहतर पहुंच से पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस और पुलिस भी ज्यादा कुशलता से कार्य कर सकेंगी।

सड़कें नहीं सिर्फ रास्ते, बल्कि राज्य की तरक्की का आधार हैं
योगी सरकार की इस पहल के पीछे सोच यह है कि अच्छी सड़कें न केवल आवागमन का माध्यम होती हैं, बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश जैसे हर क्षेत्र से सीधा संबंध रखती हैं।इसलिए यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि ‘विकास की रीढ़’ को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

योगी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम उत्तर प्रदेश को सड़क नेटवर्क के मामले में अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले वर्षों में जब यह सड़कों का जाल साकार रूप लेगा, तब यह कहने में कोई संकोच नहीं रहेगा कि उत्तर प्रदेश की तरक्की की राह इन सड़कों से होकर ही गुजरती है।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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